भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) कंपनी प्रोफाइल, नेटवर्थ, फाउंडर, CEO, इतिहास, मालिक, इन्वेस्टर, प्रोडक्ट, विकी और अधिक (Life Insurance Corporation of India company profile, bio, ceo, founder, investor, Aquisition, networth in hindi)
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC ऑफ इंडिया) एक जीवन बीमा कंपनी है जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। LIC भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है, जिसकी संपत्ति 2,529,390 करोड़ रुपये से अधिक है। भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना 1 सितंबर 1956 को हुई थी, जब भारत की संसद ने भारतीय जीवन बीमा अधिनियम पारित किया जिसने भारत में बीमा उद्योग का राष्ट्रीयकरण किया था।
बायो/विकी (Bio/Wiki)
नाम:- | भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) |
लीगल नाम:- | लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड |
प्रकार (Type):- | पब्लिक |
इंडस्ट्री:- | इंश्योरेंस, फाइनेंशियल सर्विसेज |
प्रोफाइल (Profile)
स्थापना की तारीख:- | 1 सितंबर 1956 |
हेड क्वार्टर:- | मुंबई, महाराष्ट्र |
मुख्य लोग:- | मंगलम रामसुब्रमण्यम कुमार (चेयरपर्सन) राज कुमार (मैनेजिंग डायरेक्टर) सिद्धार्थ मोहंती (मैनेजिंग डायरेक्टर) Ipe Mini (मैनेजिंग डायरेक्टर) विष्णु चरण पटनायक (मैनेजिंग डायरेक्टर) |
मालिक (Owner):- | वित्त मंत्रालय, भारत सरकार |
राजस्व (Revenue):- | ₹ 7,24,743 करोड़ (US$91 बिलियन) (वित्त वर्ष 2022) |
कुल संपत्ति (Total Asset):- | ₹ 42,54,058 करोड़ (US$530 बिलियन) (2022) |
नेटवर्थ:- | ₹ 11,338 करोड़ (US$1.4 बिलियन) (2022) |
स्टॉक एक्सचेंज:- | BSE: 543526 NSE: LICI |
वेबसाइट:- | www.licindia.in |
इतिहास & स्थापना (History & Establishment)
जीवन बीमा अपने आधुनिक रूप में साल 1818 में इंग्लैंड से भारत आया था। कलकत्ता में यूरोपीय लोगों द्वारा शुरू की गई ओरिएंटल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी भारत में पहली जीवन बीमा कंपनी थी। उस अवधि के दौरान स्थापित सभी बीमा कंपनियों को यूरोपीय समुदाय की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से लाया गया था और इन कंपनियों द्वारा भारतीय मूल निवासियों का बीमा नहीं किया जा रहा था। बाद में प्रतिष्ठित लोगों के प्रयासों से विदेशी जीवन बीमा कंपनियों ने भारतीय लोगो का जीवन बीमा करना शुरू कर दिया था। लेकिन उनसे भारी अतिरिक्त प्रीमियम वसूला जा रहा था।
बॉम्बे म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस सोसाइटी ने साल 1870 में पहली भारतीय जीवन बीमा कंपनी की शुरुआत की और सामान्य दरों पर भारतीय लोगो के जीवन को कवर किया था। अत्यधिक देशभक्ति के उद्देश्यों के साथ भारतीय एंटरप्राइज के रूप में शुरू, बीमा कंपनियां समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बीमा के माध्यम से बीमा और सामाजिक सुरक्षा के संदेश को ले जाने के लिए अस्तित्व में आईं थी।
1912 से पहले भारत में इंश्योरेंस बिजनेस को रेगुलेट करने के लिए कोई कानून नहीं था। 1912 में जीवन बीमा कंपनी अधिनियम और भविष्य निधि अधिनियम पारित किया गया था। लेकिन अधिनियम ने कई मामलों में विदेशी और भारतीय कंपनियों के बीच भेदभाव किया, जिससे भारतीय कंपनियों को नुकसान हुआ था।
बीमा अधिनियम 1938 न केवल लाइफ इंश्योरेंस बल्कि नॉन लाइफ इंश्योरेंस को नियंत्रित करने वाला पहला कानून था जो इंश्योरेंस बिजनेस पर सख्त स्टेट कंट्रोल प्रदान करता था। जीवन बीमा इंडस्ट्री के राष्ट्रीयकरण की मांग बार-बार की गई थी, लेकिन 1944 में इसे गति मिली जब विधानसभा में जीवन बीमा अधिनियम 1938 में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया गया था।
भारत की आजादी के बाद में 19 जनवरी 1956 को भारत में जीवन बीमा का राष्ट्रीयकरण किया गया था। राष्ट्रीयकरण के समय भारत में लगभग 154 भारतीय इंश्योरेंस कंपनियां, 16 गैर-भारतीय कंपनियाँ और 75 प्रोविडेंट कार्यरत थे। भारत की संसद ने 19 जून 1956 को जीवन बीमा निगम अधिनियम पारित किया, और भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना 1 सितंबर, 1956 को हुई, जिसका उद्देश्य जीवन बीमा को अधिक व्यापक रूप से और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में फैलाना था। देश में सभी बीमा योग्य व्यक्तियों तक पहुंचने के लिए, उन्हें उचित लागत पर पर्याप्त फाइनेंशियल कवर प्रदान करना था।
साल 1956 में LIC के कॉर्पोरेट ऑफिस के अलावा 5 जोनल ऑफिस, 33 डिविजनल ऑफिस और 212 ब्रांच ऑफिस थे। बाद के सालों में संचालन का विस्तार करने के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय में एक ब्रांच ऑफिस स्थापित करने के लिए एलआईसी का पुनर्गठन हुआ और बड़ी संख्या में नए ब्रांच ऑफिस खोले गए थे।
आज LIC 2048 पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत ब्रांच ऑफिसेज, 113 डिविजनल ऑफिसेज, 8 जोनल ऑफिसेज, 1381 स्टेलाइट ऑफिसेज और कॉर्पोरेट ऑफिसेज के साथ काम करता है। LIC का वाइड एरिया नेटवर्क 113 डिविजनल ऑफिसेज को कवर करता है और मेट्रो एरिया नेटवर्क के माध्यम से सभी ब्राचों को जोड़ता है।
LIC ने चुनिंदा शहरों में ऑनलाइन प्रीमियम कलेक्शन सुविधा प्रदान करने के लिए कुछ बैंकों और सर्विस प्रोवाइडर के साथ टाइअप किया था। LIC की ECS और ATM प्रीमियम पेमेंट सुविधा ग्राहकों की सुविधा के अतिरिक्त है। ऑनलाइन Kiosks और IVRS के अलावा, मुंबई, अहमदाबाद, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, नई दिल्ली, पुणे और कई अन्य शहरों में सूचना केंद्र स्थापित किए गए हैं।
अपने पॉलिसीधारकों को आसान पहुंच प्रदान करने की दृष्टि से, LIC ने अपने स्टेलाइट संपर्क ऑफिसेज शुरू किए हैं। LIC ने 15 अक्टूबर 2005 तक 1,01,32,955 नई पॉलिसी जारी करने का माइलस्टोन पार कर लिया था और पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 16.67% की ग्रोथ रेट दर्ज की है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के केंद्रीय बजट में LIC के लिए प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश IPO करने के प्रस्ताव की घोषणा की थी। LIC ने 4 मई 2022 को अपना IPO पब्लिक के लिए खोला और प्रक्रिया 9 मई को समाप्त हुई। इस IPO के माध्यम से एलआईसी ने ₹ 21,000 करोड़ रुपए जुटाए थे।
प्रोडक्ट/सर्विस (product/service)
एलआईसी के मुख्य प्रोडक्ट इस प्रकार है:
- जीवन बीमा
- स्वास्थ्य बीमा
- इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट
- म्यूचुअल फंड
सहायक कंपनियां (Subsidiaries)
एलआईसी की मुख्य सहायक कंपनियां इस प्रकार है:
- एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस
- एलआईसी इंटरनेशनल लिमिटेड
- एलआईसी कार्ड्स सर्विसेज लिमिटेड
- एलआईसी म्यूचुअल फंड लिमिटेड
- एलआईसी पेंशन फंड लिमिटेड
- आईडीबीआई बैंक
विजन & मिशन (Vision & Mission)
विजन (Vision): समाज और भारत के गौरव के लिए महत्व का एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी फाइनेंशियल समूह।
मिशन (Mission): प्रतिस्पर्धी रिटर्न के साथ वांछित विशेषताओं के प्रोडक्ट और सर्विसेज प्रदान करके और इकोनॉमिक डेवलपमेंट के लिए रिसोर्सेज प्रदान करके वित्तीय सुरक्षा के माध्यम से लोगों के जीवन की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना और बढ़ाना।
नेटवर्थ (Networth)
साल/वर्ष | नेटवर्थ (Networth) |
---|---|
2019 | ₹810 करोड़ |
2020 | ₹1,002 करोड़ |
2021 | ₹6,884 करोड़ |
2022 | ₹11,338 करोड़ |
राजस्व (Revenue)
साल/वर्ष | राजस्व (Revenue) | नेट प्रॉफिट (Net Profit) |
---|---|---|
2019 | ₹5,64,548 करोड़ | ₹2,627 करोड़ |
2020 | ₹6,25,959 करोड़ | ₹2,710 करोड़ |
2021 | ₹6,86,091 करोड़ | ₹2,974 करोड़ |
2022 | ₹7,24,014 करोड़ | ₹4,124 करोड़ |